यह वेबसाइट जमना हर्बल रिसर्च लिमिटेड के आधार स्तंभ एवं आयुष्मान पत्रिका के संस्थापक स्व. कविराज डॉ. श्री कृष्णदास जी माहेश्वरी (बाबूजी) को हमारे पूरे परिवार की ओर से श्रद्धा सुमन के रूप में समर्पित है।
बाबूजी के निधन के बाद (17 अप्रैल 2017) पिछले तीन वर्षो में हम यही मंथन करते रहे कि उनके सपनों को पूर्ण करते हुए उन्हें साकार रूप में कैसे प्रस्तुत किया जाए। यह वेबसाइट प्रारंभ करना उन्हीं सपनों की कड़ी का एक छोटा सा प्रयास मात्र है।
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: इसी भावना के साथ बाबूजी ने अपना पूरा जीवन आयुर्वेद को समर्पित कर दिया। आयुष्मान पत्रिका के प्रकाशन के पीछे उनकी सोच आयुर्वेद का ज्ञान सामान्य जन तक पहुंचाने की ही थी। आयर्वुेद के प्रति उनका प्रेम, उनकी निष्ठा, उनकी लगन और उनका मन्तव्य हमारे लिये सदैव प्रेरणास्रोत रहा। आयुर्वेद के विकास को लेकर बाबूजी सदैव सतत प्रयत्नशील रहे। उनके सपनों के अनुरूप हम आयुर्वेद के क्षेत्र में सतत सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। बाबूजी से प्राप्त आयुर्वेद के गौरवशाली ज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाने हेतु हम संकल्पबद्ध हैं। हमारा प्रयास उनकी विचारधारा को सदैव प्रवाहमान बनाए रखना है।
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सादर नमन
जनवरी 2000 से प्रकाशित आयुर्वेद आधारित त्रैमासिक पत्रिका आयुष्मान सफलता दर सफलता सीढिय़ां चढ़ते हुए क्षितिज की ओर अग्रसर है। आयुर्वेद ऊंचाई के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे, इसी उद्देश्य और ध्येय के साथ हम पिछले कई वर्षों से आयुर्वेद के क्षेत्र में सक्रिय कार्य करते हुए आयुर्वेद के विकास की दिशा में सदैव प्रयत्नशील रहे हैं। पिछले 20 वर्षो से आयुष्मान द्वारा आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार हेतु सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। इन वर्षों में आयुष्मान ने देश में न सिर्फ अपना विशिष्ट स्थान बनाया है, बल्कि आयुर्वेद के क्षेत्र में निरंतर सकारात्मक कार्य करते हुए अपनी विशेष पहचान साथ ही विश्वसनीयता के आधार पर देश भर में व्यापक पाठक वर्ग भी बनाया है। आयुष्मान के माध्यम से हमारा सदैव यही प्रयास रहा है कि हम आमजन तक स्वास्थ्यसंबधी आलेखों के साथ साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में संचालित हो रही अन्य गतिविधियों से अवगत कराते रहें। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब आयुष्मान आपके समक्ष ऑन लाइन उपलब्ध है। आयुर्वेद केवल रोगों की चिकित्सा ही नहीं करता, अपित यह हमें जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एवं जीवन जीने की कला भी सिखाता है। आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के रोगों को जड़ से खत्म करती है। हमारा उद्देश्य सभी को जागरूक करना और यह संदेश देना है कि हरेक मनुष्य को यानी हम सभी को अपने जीवनकाल में आयुर्वेद पद्धति को अवश्य अपनाना चाहिये। आशा है, हमारे इस प्रयास का आप सभी को भरपूर लाभ प्राप्त होगा।
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