JAMNA PHARMA GROUP : JAMNA PHARMACEUTICALS JAMNA HERBAL RESEARCH LTD. | AYUSHMAN MAGAZINE | AYURVEDA CHINTAN

बरेली के डॉक्टर का यंत्र देगा घुटने के दर्द से राहत

बरेली के डॉक्टर का यंत्र देगा घुटने के दर्द से राहत

Published on 15 Feb 2020 by Ayushman Magazine Inovation

बरेली उत्तर प्रदेश के डॉ. अनिमेष मोहन ने घुटने के दर्द से राहत दिलाने के लिए जानु अवगाह यंत्र का अविष्कार किया है। क्लीनिकल ट्रायल में सफल होने के बाद यंत्र को पेटेंट के लिए भेजा गया है। इस अविष्कार के लिए अनिमेष को दिल्ली में नेशनल इनोवेशन अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है।
एसडीएम आयुर्वेदिक अस्पताल हासन में पंचकर्म विषय में एमडी कर रहे डॉ. अनिमेष ने अपने गुरु डॉ. अश्वनी के मार्गदर्शन में जानु अवगाह यंत्र का निर्माण किया है। अनिमेष ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल्स रजिस्ट्री इंडिया (सीटीआरआई) में पंजीकरण के बाद इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन-आईईसी से मान्यता पाकर इसका मरीजों पर परीक्षण किया गया। इसके परिणाम चौंकाने वाले आए। पाया गया कि सात दिनों तक नियमित रूप से रोजाना 45 मिनट इसका प्रयोग करने से घुटने के दर्द में आशातीत लाभ मिलता है। घुटने को मोडऩे में होने वाली तकलीफ, सूजन और कट कट की आवाज भी खत्म हो जाती है। गठिया के कारण होने वाली घुटने के दर्द में यह रामबाण है।
औषधीय तेल में डुबोकर रखते घुटना
अनिमेष ने बताया कि आयुर्वेद में जानु का अर्थ घुटना और अवगाह का मतलब एक ऐसी पद्धति है जिसमें अंग को तेल में डुबोकर रखा जाता है। इस यंत्र के माध्यम से यही प्रक्रिया पूरी की गई है। यंत्र में घुटने को एक विशेष पोजीशन में फिक्स कर तेल डाला जाता है। इसके जरिए घुटने की सभी मांसपेशियों को मजबूती दी जाती है। एक निश्चित तापमान बनाए रखने के लिए इसमें व्यवस्था की गई है। यदि बिजली नहीं है, तो गर्म पानी के माध्यम से भी 40 से लेकर 43 डिग्री तक का तापमान बनाया जा सकता है। यह एक ऐसा यंत्र है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहद आसानी के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
अनिमेष को मिला नेशनल इनोवेशन अवॉर्ड
चिकित्सा क्षेत्र में इस अविष्कार की काफी चर्चा हो रही है। पिछले दिनों दिल्ली में इग्नू ने डॉ. अनिमेष को राष्ट्रीय स्तर पर स्टूडेंट इनोवेशन अवॉर्ड से पुरस्कृत किया। पहली बार किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक को यह पुरस्कार मिला है। शोध में बड़े योगदान के लिए उन्हें श्री धर्मस्थला ट्रस्ट कर्नाटक एसडीएम अन्वेषक पुरस्कार से भी सम्मानित कर चुका है।
यंत्र के पेटेंट को किया आवेदन
डॉ अनिमेष ने दिल्ली में आयुष मंत्रालय के सामने भी अपने यंत्र का प्रस्तुतीकरण किया था। अब उन्होंने इसके पेटेंट के लिए भी आवेदन कर दिया है।
यंत्र पर लगीं डब्लूएचओ की निगाहें
घुटने के दर्द के इलाज के तौर पर एलोपैथी में भी सिर्फ दर्द निवारक दवा खाने के अलावा कोई और उपाय नहीं है। लंबे समय तक दवा खाने से शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। यही कारण है कि डब्ल्यूएचओ भी आयुर्वेद के माध्यम से घुटने के दर्द के इलाज पर नजर रखे हुए हैं।