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मजबूत इम्युनिटी से हारेगा कोरोना

मजबूत इम्युनिटी से हारेगा कोरोना

कोरोना वायरस का संकट दुनिया के लिये एक बड़ी चुनौती बन गया है। विशेशत: स्वास्थ एवं आर्थिक अस्थिरता के संकट का कारण बनकर समूचे विश्व को झकझोर रहा है| अभी तक कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिये कोई वैक्सीन या ठोस इलाज उपलब्ध नहीं है अतः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। ऐसे में यही एक कारगर उपाय बचता है कि हम शरीर की इम्यून प्रणाली को मजबूत बनाये जिससे किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव हो सके।

केसे फैलता है संक्रमण :

  • यह वायरस इंसान से इंसान में फैलता है।
  • कोरोना वायरस हाथों से आँख, मुंह और नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को प्रभावित करता है|
  • फेफड़ों में पहुंचकर उनकी कार्यक्षमता को कम करता है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है और शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है।

वायरस के संक्रमण से कैसे बचें :
संक्रमण से बचाव के लिये विशेषज्ञ रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने की सलाह दे रहे हैं ऐसे में हमारी भारतीय चिकित्सा पद्धति अत्यंत कारगर साबित हो सकती है क्योंकि आयुर्वेद में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अनेक बेहतर उपचार मौजूद है जिनकी सहायता से कोरोना के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। आयुष मंत्रालय ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि इम्यूनिटी बढ़ाने में आयुर्वेदिक औषधियों की अहम भूमिका है|
अतः स्पष्ट है कि इम्यूनिटी बढ़ाकर कोरोना को परास्त करना आसान है | शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होने से बाहर से आने वाले वायरस और बैक्टीरिया को शरीर अंदर आने से रोकता है।

इम्यूनिटी मजबूत करने में कारगर आयुर्वेदिक औषधियां :
वायरस से लड़ने एवं प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बनाने के लिये आयुर्वेद से बेहतर विकल्प नहीं है। आयुर्वेद में हरीतकी, आमला, गिलोय, नीम, तुलसी, मुलेठी, शुंठी, अश्वगंधा जैसी अनेकों ऐसी जड़ी-बूटियां है जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है |आमला विटामिन सी, विटामिन बी एवं केरोटीन से समृद्ध होता है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करता है । गिलोय एक शक्तिशाली इम्यूनो मोड्यूलेटर है | यह मानसिक तनाव को दूर करने में भी सहायक है। इसमें मलेरियारोधी गुण भी पाया जाता है। यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है। हरिद्रा में करक्यूमिन होता हे, जिसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होता है | तुलसी के पत्तों में एंटीस्ट्रेस गुण होता है साथ ही यह एंटीबायोटिक की तरह भी कार्य करती है और इम्यूनिटी बढ़ाने में उपयोगी है। नीम में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होता है। अश्वगंधा मानसिक तनाव को कम कर प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है। मुलेठी, शुंठी जैसी जड़ी-बूटियां गले के संक्रमण में अत्यंत लाभकारी है। उपरोक्त आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां संक्रमण को दूर करने के साथ ही प्रतिरोधक तंत्र मजबूत करने में भी प्रभावी है|
जमना हर्बल रिसर्च लिमिटेड ने ऐसी ही इम्यूनो मॉड्यूलेटर जड़ी-बूटियों पर गहन अनुसन्धान कर इम्यूनो-बी कैप्सूल का निर्माण किया है जिसमें गिलोय, अश्वगंधा, आमला, हरिद्रा, नीम तुलसी मुलेठी, बला, हरीतकी , शुंठी आदि जड़ी बूटियों का घनसत्व है| यह कैप्सूल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी है इसका सेवन नियमित तौर पर और लंबे समय तक कर सकते है। इसे 1-1 कैप्सूल सुबह-शाम दूध के साथ ले | पोषक तत्वों से युक्त सात्विक भोजन ले |

विशेष :

  • अपने आस-पास सफाई का विशेश ध्यान रखें ।
  • संतुलित और शाकाहारी भोजन ले |
  • गर्म पानी का सेवन लाभकारी है।
  • हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहे | मुंह, नाक और आंखों को न छुयें।
  • घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें|
  • तनाव न ले, सकारात्मक सोच रखें ।
  • सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें ।
  • योग व प्राणायाम करें |
  • सुबह-शाम चाय या दूध के साथ आधा-आधा चम्मच त्रिकटु चूर्ण का भी सेवन करें |

वैद्य सुषेन माहेश्वरी