डॉ. सुनील कुमार जोशी बने कुलपति
कहा-आयुर्वेद विवि की कार्य पद्धति में होगा सुधार
डॉ. सुनील कुमार जोशी आयुर्वेद विश्वविद्यालय के स्थायी कुलपति होंगे। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने उनकी नियुक्ति के आदेश दिए। इससे पहले डॉ. जोशी कार्यवाहक कुलपति के रू प में काम कर चुके हैं। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है। तीन साल तक या 65 साल की आयु तक जोशी कुलपति पद पर रहेंगे। देहरादून। आयुर्वेद विवि के नवनियुक्त कुलपति प्रो. सुनील कुमार जोशी ने कहा कि आयुर्वेद विवि की कार्य पद्धति में सुधार लाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।उन्होंने कहा कि विवि में आयुर्वेद के क्षेत्र में नए शोध कार्य शुरू किए जाएंगे। कुलपति पद पर नियुक्त होने के बाद डॉ. जोशी ने कहा कि आयुर्वेद विवि को लेकर पूर्व में कई तरह के विवाद सामने आते रहे हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।सरकार की भांति विवि में भी जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन किया जाएगा। डॉ. जोशी ने कहा कि कोरोना ने पूरी दुनिया का ध्यान आयुर्वेद की ओर खींचा है। इससे बचाव के लिए आयुर्वेद की ओर से भी तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।विवि का प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में शोध कर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए काम किया जाए। अनेकों प्रकार की जड़ी-बूटियां प्रदेश में पाई जाती हैं। इन औषधीय पादपों का उपयोग कर आयुर्वेद विवि, उसके तीनों परिसर और अन्य संबंद्ध 19 कॉलेजों में शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा।आयुर्वेद उत्तराखंड की पहचान रही है। इस क्षेत्र में नए शोध एवं विकास कार्यों से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधारने के प्रयास किए जाएंगे। डॉ. जोशी आयुर्वेद विवि में ही प्रोफेसर हैं।
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