गर्मी के हर्बल पेयगर्मी के दिन शुरु होते ही ठंडे के नाम पर हम बाजार में मिलने वाले भांति-भांति के कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य कार्बोनेटेड पेय का उपयोग करते हैं। इन ठंडे-ठंडे पेय के सेवन से हमें कुछ समय के लिये भले ही राहत मिल जाए लेकिन ये हमारी सेहत के लिये अत्यधिक हानिकारक होते हैं। इन पेय पदार्थों के हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिए घरेलू तरीकों से बने हर्बल पेय पदार्थ जो न केवल भीषण गर्मी से बचाएंगे, बल्कि स्वास्थ्य के लिये भी लाभकारी हैं।
गर्मी में पसंद किया जाने वाला यह सबसे लोकप्रिय पेय है, जो कच्चे आम से बनाया जाता है।
नारियल पानी प्राकृतिक और रसायनमुक्त पेय है।
यह ठंडा पेय गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने और पाचन में मदद करता है।
गन्ने का जूस बीमारियों से तो दूर रखेगा ही, साथ ही यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत भी है।
नीबू और पुदीना मिलाकर बना यह पेय पाचन में मदद करता है।
यह पेय गर्मी के प्रभाव से शरीर को बचाता है, शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखता है तथा त्वचा के लिये भी उपयोगी होता है।
नीबू का रस, जीरा, काली मिर्च, सेंधा नमक के संयोजन वाला यह पेय गर्मियों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
नीबू, नमक और चीनी का ये संयोजन गर्मी के लिए बहुत उपयोगी है।
सत्तू का शरबत मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार का लोकप्रिय पेय है, जिसे सामान्यत: बिना पकाये ही प्रयोग में लाया जाता है। यह भी पाचन में सहायक होता है।
सूखा धनिया बारीक पीसकर कपड़े से छानकर इसमें शकर की चाशनी डालकर, मिट्टी के नए पात्र में 2-4 घंटे रखें। इलायची आदि से सुगंधित कर पिएं यह शरीर की जलन कम करता है।
यह शरीर की दाह, नाक से रक्तस्राव (इपिटेक्सिस) व लू से बचाव करता है।
शरीर का ताप, गर्मी, प्यास, जलन आदि को नष्ट करता है। इसी तरह गंभारी, खजूर एवं फालसा पानी में मसलकर छान लें। इसमें शकर मिलाकर पीने से थकावट दूर होती है। यह ग्लूकोज़ का श्रेष्ठ विकल्प है। गंभारी, फालसा आदि फल में प्राकृतिक रूप से साइट्रिक एसिड, मेलिक एसिड, प्राकृतिक शर्करा पाए जाते हैं। इसी तरह खजूर में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, ग्लूकोज़ आदि पाए जाते हैं, जो शरीर में तुरंत बल का संचार करते हैं।
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