जेयू के शिक्षक और छात्रों ने तैयार किया दवा का फार्मूला
ग्वालियर। डायबिटीज़ के मरीजों के घाव भरने में सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक समय लगता है। कुछ मामलों में तो ऐसे मरीजों के घाव जानलेवा साबित हो जाते हैं। डायबिटीज़ के मरीजों के घाव जल्द भरने की दवा का फार्मूला जेयू के शिक्षक और छात्रों ने मिलकर तैयार किया है। इसके लिए जीवाजी यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग में अनेक प्रयोग किए गए। इसके बाद ऐसा फार्मूला विकसित किया गया है, जिससे घावों को जल्द ठीक करने में सफलता मिल गई। एलोवेरा, शहद, सौ बार धुला हुआ घी और लाल गेरू के मिश्रण से यह फार्मूला तैयार किया गया है। इसका प्रयोग चूहे पर किया गया। यहां पर प्रयोग में सफलता मिली है। अब इस फार्मूले को पेटेंट कराने के लिए भेजा गया है। फार्मूले को पेटेंट कराने के साथ ही इसके क्लिनिकल टेस्ट की तैयारी भी की गई है। इसमें सफलता मिलती है, तो डायबिटीज़ के मरीजों के घाव जल्द भरने का सस्ता इलाज सामने आ जाएगा।जेयू की फार्मेसी अध्ययनशाला की प्रो. सुमन जैन और उनकी शोध छात्रा कनिका अरोरा ने मिलकर यह शोध किया है। शोध में लगभग छह माह का समय लगा, इसके बाद परिणाम मिलना शुरू हुए। शोध करने वालों का दावा है कि इससे सस्ती दवा बनेगी और असर होना भी तत्काल शुरू हो जाएगा।फार्मूले के इन तत्वों में विशेष गुण, इसलिए दवा भी उपयोगी
शहद- घाव भरने के लिए शहद में कई गुण होते हैं। शहद अम्लीय होता है, इसकी वजह से यह अधिकांश रोगजनक के लिए शत्रु जैसा होता है।
शता धौता घृता यानी सौ बार धुला हुआ घी यानी सांद्र घी- इस तरह का घी चिपचिपा होता है, इसके कण का आकार छोटा होता है, त्वचा इसको जल्द अवशोषित कर लेती है।
एलोवेरा- एलोवेरा जैल के उपयोग से घाव में पस आने की आशंका नहीं रहती है।
लाल गेरू -लाल गेरू घावों को सुखाने के लिए एक प्रभावी तत्व है।
ऐसे हुई रिसर्च
चूहे के शरीर पर विकसित किया घाव- रिसर्च में सबसे पहले स्ट्रेप्टोजोटोसीन का उपयोग करके चूहों में डायबिटीज़ प्रेरित की गई एवं चूहे के शरीर पर घाव विकसित किया गया। इसके बाद एलोवेरा, शहद और लाल गेरू के मिश्रण से तैयार किए गए हरबोमिनरल इमलजैल पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन का चूहों के घाव पर लेप किया गया। इसके बाद घाव भरने की क्षमता की जांच करने के लिए पुनर्योजी ऊतक की हिस्टोपैथोलॉजिकल परीक्षा के साथ-साथ घाव की संकुचन अवधि का मूल्यांकन किया गया था। इसके असरदार परिणाम प्राप्त हुए। उतकों के हिस्टोलॉजिकल परीक्षण से पता चला कि फार्मूलेशन से घाव भरने की क्षमता के लिए उत्तरदायी अच्छे केराटिनाइजेशन, एपिथेलिजेशन, फाइब्रोसिस और कोलेजनेशन विकसित हुए थे।- डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वह अपने घावों का अच्छी तरह से इलाज करें। अन्यथा यह जानलेवा भी साबित होने लगते हैं। हालांकि इसका इलाज महंगा होता है। हर्बल माइक्रो जैल बनाने का उद्देश्य यह था कि ऐसा फार्मूलेशन तैयार हो जो हर्बल हो तथा लोगों के लिए महंगा साबित न हो। इसमें हमें सफलता प्राप्त हुई है।
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