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योगाभ्यास करने से पूर्व निर्देश एवं सावधानियां

योगाभ्यास करने से पूर्व निर्देश एवं सावधानियां

Published on 22 Feb 2020 by Ayushman Magazine Yoga

कोई भी व्यक्ति किसी श्रेष्ठ गुरु के निर्देशन में योगाभ्यास कर सकता है, परन्तु आसन प्रभावशाली एवं लाभकारी तभी हो सकते हैं, जब उनके लिये उचित ढंग से तैयारियां की जाएंं।
- योगासन शौच जाने के बाद खाली पेट करना चाहिए। यदि स्नान करने के पश्चात अभ्यास करें, तो अच्छा होगा। बिना स्नान किये करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि आसन समाप्त करने के कम से कम आधा घंटा बाद ही स्नान करें।
- योगासन का अभ्यास एकांत जगह में करना चाहिए। लोगों के आने-जाने व बातचीत से ध्यान भंग होता है। मन दूसरी ओर चला जाता है। एकान्त और शान्त जगह में योगासन का अभ्यास अच्छा होता है। एकाग्रता में सहायता मिलती है और योगासनों से फायदा भी अधिक होता है।
- योगासन करने का समय प्रात:काल है। सूर्योदय से पूर्व या सूर्योदय के समय आसनों का अभ्यास कीजिए। संध्या समय भी आसनों का अभ्यास किया जा सकता है।
- आसन करने से पूर्व भोजन नहीं रहना चाहिए। भोजन के कम से कम 3 घंटे बाद ही अभ्यास करना लाभप्रद होता है।
- आसन कम्बल, दरी या कालीन पर करने चाहिए। चारपाई, पलंग या बिस्तर पर योगासन नहीं करने चाहिए।
- खाली जमीन अथवा नंगे फर्श पर आसन नहीं करने चाहिए।
- आसन करते समय मुंह बंद रखना चाहिए।
- योगासन करते समय आंखें बंद रखिए। आंखें खुली रहने से चित्त भटकता है। बन्द रखने से एकाग्रता बढ़ती है और मन को शान्त करने में सहायता मिलती है।
- वस्त्र ढीले होने चाहिए, जिससे आसन करने में रुकावट न आए। कम से कम वस्त्र पहनकर ही अभ्यास करना चाहिए।
- आसन करते समय शरीर पर सीधी और तेज हवा नहीं लगनी चाहिए।
- गेरू रंग के वस्त्र पहनकर सूर्य के सम्मुख अभ्यास करना अति उत्तम होता है। गेरू रंग से छनकर शरीर पर धूप का पडऩा स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
- अभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व चश्मा, घड़ी, आभूषण आदि उतार देने चाहिए।
- रजस्वला महिलाओं को आसन नहीं करने चाहिए एवं गर्भवती महिलाओं को निर्दिष्ट आसनों के अलावा सभी आसनों का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- प्रत्येक आसन करने के बाद शवासन अवश्य करना चाहिए।
- किसी भी आसन का अभ्यास तब तक सरलतापूर्वक कर सकते हैं जब तक आप बिना थके देर तक कर सकें।
- आसनों का अभ्यास करते समय झटका नहीं देना चाहिए। झटका देने से शरीर में पीड़ा हो सकती है और हानि पहुंच सकती है।
- आसन करते समय आपका ध्यान आसन पर ही रहना चाहिए इधर-उधर नहीं।
- योगासन करने के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ भी खाना अथवा पीना नहीं चाहिए।
- सैर करने के बाद आधे घंटे तक विश्राम करना चाहिए। इसके बाद आसन आरंभ करने चाहिए। आसन करने के तुरन्त बाद सैर नहीं करना चाहिए।
- आसन के बाद प्राणायाम तुरन्त कर सकते हंै।
- शरीर के किसी अंग का ऑपरेशन हुआ हो, तो उस अंग को प्रभावित करने वाले आसन कम से कम छ: महीने तक नहीं करने चाहिए।
- वे लोग जो हार्निया, टी.बी., पेट में छाले जैसे दीर्घ व स्थायी रोगों से पीडि़त हैं, अथवा जिनकी हड्डी टूट गयी हो, उन्हें आसनों का अभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व किसी योग शिक्षक से सलाह लेनी चाहिए।
- यदि आसन के दौरान शरीर के किसी अंग में अत्यधिक पीड़ा होती है, तो उस आसन का अभ्यास तुरन्त बंद कर योग-प्रशिक्षक की सलाह अवश्य लीजिए।
- आसन और प्राणायाम के पश्चात पेशाब अवश्य करना चाहिए।
- योगासन के अभ्यास से क्रम का भी ध्यान आवश्यक रखिये पहले आसन फिर प्राणायाम और अन्त में ध्यान करें।
- आसनों की संख्या और उनकी अवधि में धीरे-धीरे वृद्धि करें। पहले ही दिन अधिक आसन करने का प्रयास करना ठीक नहीं होगा।
- योगासनों का अभ्यास धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में लचीलापन उत्पन्न होगा और थोड़े ही समय में सरलता से आसन की पूर्ण स्थिति प्राप्त की जा सकती है।
- योगासन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। उसका संबंध शरीर के आन्तर्बाह्म अंगों से है इसलिए किसी जानकार व्यक्ति से जो योग विशेषज्ञ हो, के निरीक्षण में ही अभ्यास करना लाभप्रद होता है।
- 45 से 60 मिनट, सप्ताह में पांच दिन योगासन, प्राणायाम, ध्यान अपनी उम्र/बीमारी आवश्यकतानुसार गुरु के मार्गदर्शन में करें।