उत्तराखंड में जल्द ही आयुर्वेदिक चिकित्सकों की कमी दूर हो जाएगी। इसके लिए आयुष विभाग में रिक्त चल रहे 253 पदों को भरने की तैयारी चल रही है। इसमें विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में रिक्त चल रहे पदों पर फोकस किया जाएगा। विभाग ने रिक्त पदों पर आरक्षण का रोस्टर तय करते हुए इसकी सूचना कार्मिक विभाग को भेज दी है। प्रदेश में अभी इस समय 546 आयुर्वेदिक चिकित्सालय और पांच यूनानी चिकित्सालय है। इनमें चिकित्सकों के कुल 763 पद हैं। इनमें पांच पद यूनानी चिकित्सकों के हैं। इन पदों के सापेक्ष अभी 505 चिकित्सक तैनात हैं।
प्रदेश में कोरोना के दौरान आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की काफी अहम भूमिका रही। इस दौरान आयुष विभाग द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता के किट भी बांटे गए। यहां तक कि प्रदेश सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण देते हुए इनकी सेवाएं भी लीं। अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच आयुष विभाग को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज देने के लिए एलोपैथिक चिकित्सालयों में भी 180 आयुष विंग बनाए गए हैं। इसके अलावा हल्द्वानी, टिहरी और टनकपुर में 50-50 बेड के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इन चिकित्सालयों के संचालन को चिकित्सकों की कमी महसूस की जा रही है, जिसे दूर करने की दिशा में अब कदम उठाए जा रहे हैं।
विभाग में चिकित्सकों के कुल 758 पदों के सापेक्ष 253 पद रिक्त हैं। इनमें भी 106 पद बैकलाग और 147 पद शेष हैं। इन पदों को भरने के लिए बीते वर्ष कार्मिक विभाग को सूचना भेजी गई।
यहां से स्वीकृति मिलते ही रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही विभाग में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भर्ती कर दी जाएगी।
Copyright © 2024 Ayushman. All rights reserved. Design & Developed by