लखनऊ। अब भाभा परमाणु केंद्र के वैज्ञानिक हर्बल प्रॉडक्ट बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे। परमाणु वैज्ञानिकों के अनुभव से बनने वाले हर्बल प्रॉडक्ट बेहतर होंगे, जो लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होंगे। इस मुद्दे पर राजधानी के सीमैप में सीएसआईआर की ओर से आयोजित राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगोष्ठी में चर्चा हुई।सेमिनार में मौजूद सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक जेसी बोस ने कहा कि देश में बनने वाले हर्बल प्रॉडक्ट बनाने में सीएसआईआर और परमाणु केंद्र के वैज्ञानिकों को मिलकर काम करना होगा। इससे हर्बल प्रॉडक्ट बेहतर होंगे और अधिक समय तक प्रभावी रहने वाले होंगे। ऐसे उत्पादों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा। एटॉमिक साइंटिस्ट की जरूरत मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक प्रमोद बसंत ने कहा कि हर्बल प्रॉडक्ट बनाते समय एटॉमिक साइंटिस्ट की सलाह जरूरी है। वैज्ञानिक हर्बल प्रोडक्ट से होने वाले साइड इफेक्ट को डिटेक्ट कर उसका समाधान ढूंढ सकते हैं।सेमिनार में सीमैप के निदेशक अनिल कुमार त्रिपाठी समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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