- आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय की डॉक्टर ने 25 महिलाओं पर किया शोध
लखनऊ। मां बनने की आस लगाए मीना के लिए उसका सपना अधूरा जान पड़ रहा था। डॉक्टरों का कहना था की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने की वजह से वह कभी मां नहीं बन पाएगी। इसके बाद आयुर्वेद विधि से इलाज करवाने के महज एक महीने में ही उसकी कोख भर गई। आयुर्वेदिक चिकित्सा में पंचकर्म विधि के तहत उत्तर बस्ति विधि से ब्लॉक हो चुके फैलोपियन ट्यूब को खोला जा रहा है। यह ट्यूब महिलाओं के गर्भाशय और अंडाशय के बीच पेट में होते हैं। पंचकर्म विधि से इलाज करवाने के बाद महिलाओं को गर्भस्थ प्राप्त हो रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा शर्मा ने फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने की स्थिति में 25 महिलाओं पर शोध करके यह सिद्ध किया है। पंचकर्म विधि से इलाज करवाने के बाद महिलाओं में एक महीने के बाद ही गर्भ ठहर गया है।उत्तर बस्ति से हो रहा इलाजडॉ. शिखा ने बताया कि आयुर्वेद विधि में शोधन और शमन विधि से इंफर्टिलिटी और ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या का निस्तारण किया जा रहा है। शोधन विधि के अंतर्गत पंचकर्म विधि आती है। इसके अंतर्गत उत्तर बस्ति की प्रक्रिया आती है। इस प्रक्रिया में योनि मार्ग से गर्भाशय में औषधियां दी जाती हैं। गर्भाशय में पहुंचकर ये दवाएं समस्या का निस्तारण करती हैं। वहीं, शमन विधि में मरीज की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए औषधियां दी जाती हैं। इस प्रक्रिया में मरीज को कोई नुकसान नहीं होता है।
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