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युवाओं में बढ़ता धीमा गंजापन

युवाओं में बढ़ता धीमा गंजापन

Published on 22 Feb 2020 by Ayushman Magazine Youth Corner

हमेशा जोश और जुनून से सराबोर रहने वाली युवा पीढ़ी देश की सबसे बडी पूंजी होती है, लेकिन आज हमारी युवा पीढ़ी कई बीमारियों का शिकार हो रही है। आज के दौर में बाल झडऩा एक सामान्य बात हो गई है। ये समस्याअब केवल बड़े-बुजुर्गों तक सिमट कर नहीं रह गई, बल्कि अब इस परेशानी से युवा वर्ग भी चिंतित है। बाल गिरना, पतले बाल, गंजापन आज के युवाओं के लिये चिंता का विषय बना हुआ है। बढ़ती उम्र के साथ बालों की समस्या भी बढ़ती जा रही हैं। आज 20 साल की उम्र में भी युवक-युवतियां बाल गिरने की समस्या का समाधान खोजते नजर आते हैं। हालांकि बाज़ार में अनेक उत्पाद और उपचार उपलब्ध हैं, बावजूद इसके युवाओं के बाल झड़ रहे हैं और उन्हें गंजापन का सामना करना पड़ रहा है।
गंजापन क्या होता है


गंजेपन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोप्सिया भी कहते हैं। इसमें असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झडऩे लगते हैं, लेकिन नये बाल उतनी तेजी से नहीं आ पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर रहते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति गंजेपन की ओर जाती है।
कारण

आनुवंशिकता
समय से पहले और बिना कारण बाल झडऩे के प्रमुख कारणों में से एक आनुवंशिकता है। ।
तनाव
तनाव के कारण बाल तेजी से झड़ते हैं और नतीजा गंजापन। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तनाव कम करना बेहद आवश्यक है।
खराब खानपान
प्रोटीन, विटामिन और खनिज सहित कई पोषक तत्वों की कमी के कारण बालों के झडऩे और गंजेपन का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित भोजन से बालों के रोम को समुचित पोषक तत्व मिलते हैं।
हार्मोनल असंतुलन
खराब दिनचर्या, दवाएं और बीमारियों से पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन पैदा हो जाता है। इस असंतुलन से डीएचटी हार्मोन का ज्यादा स्राव होने से बाल झड़ते हैं ।
धूम्रपान
बालों को ब्लड से ऑक्सीजन मिलता है। स्मोकिंग से ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। कार्बन मोनोऑक्साइड से बालों को नुकसान पहुंचता है। इसके अतिरिक्त निकोटीन रक्त के प्रवाह को बाधित कर बालों के विकास को प्रभावित करता है।
बीमारी
गंभीर रूप से बीमार पडऩे या बुखार होने से कई बार किसी बीमारी का असर भी बालों पर पड़ता है। बालों की जड़ें कमज़ोर होने लगती हैं। फिर बालों का झडऩा और अंत में गंजापन आ जाना। सिर्फ यही नहीं, कभी-कभी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से भी बाल तेजी से गिरने लगते हैं।
स्ट्रेस
ज़्यादा स्ट्रेस होने से गंजापन की समस्या होती है। ट्रिचोलॉजिस्ट्स और हेयर एक्सपट्र्स इस बात को मानते हैं कि तनाव एलोप्सिया एरिटा, टेलोजेन इफ्लुवियम और ट्रिचोटिलोमानिया को बढ़ावा देता है। ये बाल्डनेस यानी गंजेपन के मुख्य कारण हैं।
- जंकफूड और अल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन।
उपाय
विशेष रूप से विटामिन, बी 3, बी 5, बी9 और ई वाला एवं प्रोटीनयुक्त आहार लें।
मिनरल जैसे आयरन, जिंक और मैग्नीशियम वाला आहार लें ।
देर से सोना और कम सोने जैसी आदत में बदलाव करें। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे सोएं और दिन में हर घंटे एक गिलास पानी पिएं।
अपने खाने में दूध, बादाम, पालक, ब्रोकोली, संतरे, साबुत अनाज, पालक, मछली, सोया सेम, अंडे की जर्दी, पत्तेदार साग अधिक मात्रा में शामिल करें।